दोस्तों हमारे देश में कई बड़े संत हुए हैं| जिन्होंने लोगों को सच्चाई और प्रेम का मार्ग बताया | इन्ही संतों में से एक संत हैं – प्रेमानंद महाराज जी | अगर आप इनसे मिलना चाहते हो या दीक्षा लेना चाहते हो तो आपको क्या करना होगा ? इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे कि आप Premanand Maharaj Se Kaise Mile और उनसे दीक्षा कैसे लें |
प्रेमानंद जी महाराज जी कौन हैं ?
Premanand Maharaj जी आज के समय में एक महान संत हैं | वे राधा रानी के परम भक्त हैं और अपने गुरु की भक्ति में ही लीन रहते हैं | महाराज प्रेमानंद जी वृन्दावन में रहते हैं और लोगों को भी प्रभु भजन और प्रभु का नाम लेने के लिए कहते हैं। कहा जाता है कि अगर कोई भी उनके प्रवचनों को पूरी श्रद्धा से सुनता है तो उस व्यकित को राधा-रानी के दर्शन अवश्य होते हैं। ऐसे में अगर आप भी इस महान संत से जुड़ना चाहते हैं और उनकी कृपा लेना चाहते हैं तो आपको जरूर वृंदावन जाना चाहिए |
Premanand Maharaj जी का जीवन
प्रेमानंद महाराज जी का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ| उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है| महाराज जी के पिता का नाम श्री शंभू पांडे और माता का नाम श्रीमती रामा देवी है| उनका पूरा परिवार सन्यासी था | उनके दादा जी ने सबसे पहले संन्यास ग्रहण किया| इनके पिता की बात करें तो वे भी भगवान की भक्ति करते थे और इनके बड़े भाई भी प्रतिदिन भगवत का पाठ किया करते थे| इस भक्तिभाव के माहौल में प्रेमानंद जी महाराज जब 5वीं कक्षा में थे, तभी से उन्होंने गीता का पाठ करना शुरू कर दिया था |
इसी के साथ उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान की जानकारी होने लगी| जब वे 13 वर्ष के हुए तो उन्होनें घर का त्याग कर दिया और संन्यासी बन गए| इसके बाद भगवान की सेवा में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। अब वे वृंदावन से प्रवचन करने लगे हैं | यहां से उन्होंने अपने आध्यात्मिक संगठन की स्थापना की | उनके प्रवचनों को सुनने के लिए देश-विदेश के लोग वृंदावन आते हैं |
प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम
महाराज जी का आश्रम वृंदावन है | इस आश्रम में ही महाराज जी भक्तों को दर्शन देना, प्रवचन करना और दीक्षा देने का काम करते हैं | जो लोग इस आश्रम में पहुंच जाते हैं तो उनके लिए खाना खाने की पूरी व्यवस्था की जाती है और रहने की भी उन्हें सुविधा मिलती है | इसके साथ ही आश्रम के जो सेवादार होते हैं वो भी लोगों का सही मार्ग दर्शन करते हैं | वे बाहर से आए हुए लोगों को ये बताते हैं कि महाराज जी कब दर्शन देंगे, उनके प्रवचनों को करने का समय कौन सा है आदि |
प्रेमानंद महाराज जी के आश्रम में कैसे पहुंचे
प्रेमानंद जी से मिलने के लिए आपको उनके के आश्रम में जाना होगा। अगर आपको महाराज जी से मुलाकात करनी है तो आपको उनका कोई भी नंबर नहीं मिलेगा| क्योंकि प्रेमानंद जी से मुलाकात करने या फिर कांटेक्ट करने का कोई भी नंबर साझा नहीं किया गया है। अगर आप उनसे मिलना चाहते हैं , तो उसके लिए आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट जिसका नाम वृंदावन रस महिमा है इस वेबसाइट में जाकर संपर्क कर सकते हैं|
वृंदावन पहुंचने का ये एड्रेस है – श्री हित राधा केली कुंज, वृन्दावन परिक्रमा मार्ग, वराह घाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश, वृंदावन- 281121 | जो लोग पहली बार महाराज से मिलना चाहते हैं तो उन्हें इस पते पर पहुंचना होगा | उसके बाद ही वे महाराज जी की अपार कृपा प्राप्त कर सकेंगे |
Premanand Maharaj जी के आश्रम में गेट खुलने का समय
प्रेमानंद महाराज के आश्रम मे गेट खुलने का समय इस प्रकार से निर्धारित किया गया है –
गेट खोलने का समय – प्रात: 3:30 और शाम को 3:15 pm
NOTE – आपको इस बात का ध्यान रखना है कि आप सुबह 10:00 बजे से लेकर दोपहर 3:30 बजे के बीच में महाराज जी को किसी भी प्रकार से संपर्क नहीं कर सकते हैं और शाम को भी 6:00 बजे के बाद आप उनसे नहीं मिल सकते हैं |
प्रेमानंद महाराज के कार्यक्रम
प्रेमानंद जी महाराज जी के कार्यक्रमों को 02 भागों में बांटा गया है | एक सुबह का समय और दूसरा दोपहर का समय | आपको इनमें से कोई भी समय सेलेक्ट करना है, ताकि आप महाराज जी के प्रवचन सुन सकें |
1. सुबह के कार्यक्रम
समय | महाराज के कार्यक्रम |
04:10 to 05:30am | पूज्य महाराज जी द्वारा दैनिक प्रातःकालीन सत्संग |
05:30 to 06:30am | श्री जी की मंगला आरती एवं वन विहार |
06:30 to 08:15am | हिट चौरासी जी (सोम, बुध, गुरु, शनि, रवि) और राधा सुधानिधि जी (मंगल, शुक्र) पथ |
08:15 to 09:15am | श्री जी की श्रृंगार आरती, भक्त-नामावली, राधा नाम संकीर्तन |
2. दोपहर के कार्यक्रम
समय | महाराज के कार्यक्रम |
04:00 to 04:15pm | धूप आरती |
04:15 to 05:35pm | दैनिक संध्या वाणीपथ |
05:35 to 06:00pm | भक्त चरित्र |
06:00 to 06:15pm | संध्या आरती |
Premanand Maharaj जी से कैसे मिलें
प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के लिए आपको ऑफिसियल वेबसाइट (वृंदावन रस महिमा) की मदद से उनसे संपर्क करना है | उसके बाद आप उनसे मुलाकात कर सकते हैं | इसके अलावा दसूरा तरीका भी है महाराज जी से मिलने का | उसके लिए आपको सबुह 2:00 बजे से पहले मथुरा पहुंचना होगा| क्योंकि सुबह 2:00 बजे प्रेमानंद महाराज जी वृंदावन की परिक्रमा करते हैं| इस दौरान सभी भक्त उनके दर्शन आसानी से कर सकते हैं। लोगों को दर्शन देने का काम प्रेमानंद जी महाराज हर रोज करते हैं| जब इस समय में भक्तजन महाराज जी के दर्शन के लिए आते हैं तो उस दौरान सड़क पर भक्तों की बहुत ही ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है|
इसी के साथ महाराज जी 03 से 04 बजे के आसपास जब अपने आश्रम में जाते हैं, तो इस समय में भी आप आश्रम के दरवाजे पर आकर आश्रम में जाते वक्त महाराज जी के दर्शनों का आनंद ले सकते हैं। अगर आप भी प्रेमानंद महाराज जी के दर्शन करना चाहते हैं या उनसे मिलना चाहते हैं तो आपको वृंदावन जरूर जाना चाहिए | इससे आपके कष्ट दूर होंगे और आपको एक भक्तिमय माहौल मिलेगा |
महाराज प्रेमानंद जी से दीक्षा कैसे लें
महाराज जी से दीक्षा प्राप्त करने या प्रश्न पूछने के लिए आपको एक दिन पहले महाराज जी के शिष्य के पास अपना नाम लिखवाना है और आपको वो प्रश्न लिखवाना होगा, जो आप पूछना चाहते हैं | इसके बाद आपको अगले दिन महाराज जी के आश्रम में आना है, उसके लिए आपको लाइन में लगना होगा| जिसके बाद महाराज जी के शिष्यों के द्वारा 01-01 करके सभी के प्रश्न महाराज जी के सामने लाए जाएंगे|
जब आपका नाम महाराज जी को बताया जायेगा उसके बाद प्रेमानंद जी महाराज आपको देखेंगे और आपको ये बताएंगे कि तुम्हें दीक्षा प्रदान करूंगा | पर उसके लिए तुम्हें कई चीजों का ध्यान रखना होगा| दीक्षा लेने के लिए आपके घर में बाल राधा और बाल गोपाल का होना जरुरी है| अगर बाल राधा और बाल गोपाल नहीं हैं तो आपको गुरु दीक्षा नहीं मिलेगी|
जब आप नमसंकीर्तन 16 माला का जाप करने में निपुण हो जाएंगे और बाल राधा और बाल गोपाल की 6 से 7 महीने सेवा करेंगे | उसके बाद ही आप श्री प्रेमानंद महाराज जी के पास जाकर उनसे गुरु दीक्षा ले सकते हैं | इसके अलावा कुछ और भी नियम बताए गए हैं महाराज जी से दीक्षा प्राप्त करने के | जैस कि – लहसुन और प्याज का सेवन आपको नहीं करना है| आपको माथे पर तिलक लगाना होगा | साथ ही गले में कंठी होनी चाहिए और घर पर सात्विक भोजन बनना चाहिए| आपको ब्रह्मचारी होना जरुरी है और आपको एकदासी का व्रत भी रखना होगा| इसके साथ ही वृंदावन भी जाना जरुरी है |
ये थी सारी प्रक्रिया Premanand Maharaj से मिलने के बारे में |
आशा है आपको इस लेख के जरिए ये पता चल गया होगा कि आप प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिल सकते हो और उनसे आपको कैसे दीक्षा मिलेगी | अगर आपको विधायक को एप्लीकेशन लिखनी है तो आप ये आर्टिकल जरूर पढ़ें |