दोस्तों गुरु की कृपा से आप भगवान से मिल सकते हैं | पर इसके लिए जरूरी है कि आप जिस गुरु से दीक्षा या नाम लेना चाहते हैं वो गुरु पाखंडी नहीं होना चाहिए | आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि कैसे करें सच्चे गुरु की पहचान |
सच्चा गुरु कौन है ?
सच्चा गुरु वह होता है जो काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसे अवगुणों से परे हो | मतलब ऐसा गुरु जो हमेशा प्रेम के मार्ग पर चले और ईश्वर की भक्ति में ही लीन रहे| सच्चा गुरु अपने शिष्य के प्रति समर्पित हो और धर्म, नीति का पालन करते हुए अपना कर्म ईमानदारी से करे। चाणक्य नीति में बताया गया है कि जैसे पानी को छानकर पिया जाता है, उसी तरह किसी भी गुरु की कथनी और करनी को जान कर ही उसे अपना सच्चा गुरु बनाना चाहिए।
Sache Guru Ki Pahchan Kaise Kare?
अगर आप सच्चे गुरु की तलाश कर रहे हैं तो आपको इस बात का खास ध्यान रखना है कि ऐसे पाखंडी साधुओं से दूरी बनानी है जो खुद को भगवान मानते हैं और जो केवल पैसा या भोग-विलास का जीवन जीते हैं | सच्चे गुरु की पहचान उसके काम से होती है जो प्रभु का नाम लेते हैं और अपने शिष्यों को सही मार्ग पर ले जाते हैं| सच्चा गुरु लोगों को भ्रम से निकालता है | वह लोगों को यही बताता है कि सही कर्म करो, अच्छी सोच रखो, गरीब और असहाय लोगों का सहारा बनो और गुरु मंत्र का हर समय जाप करो |
सच्चे गुरु का मुख्य लक्ष्य
जो सच्चा गुरु होता है उसका केवल एक ही लक्ष्य होता है कि वह अपने शिष्यों को भ्रम से निकाले, सभी के साथ प्रेम-प्यार से रहना सिखाए और शिष्यों को भगवान से मिलाने का काम करे|
हमारे जीवन में गुरु का होना क्यों है जरूरी
जिस तरह मां बाप अपने बच्चे की परवरिश करते हैं उसी तरह सच्चा गुरु भी अपने शिष्य का ध्यान रखता है | आइए जानते हैं गुरु हमारे जीवन में क्यों है जरूरी –
1. सच की पहचान कराए
सच्चा गुरु हमे सच्चाई के मार्ग पर चलना सिखाता है | वह हमें कभी भी जीवन की राह से भटकाता नहीं है |
2. प्रेम के मार्ग पर चलना सिखाए
सच्चा गुरु अपने शिष्य को प्रेम के मार्ग पर चलना सिखाता है | वह बताता है की हमे सभी के साथ प्रेम से रहना चाहिए |
3. भगवान से मिलाए
गुरु अपने शिष्य को गुरु मंत्र देता है | अगर भक्त गुरु के बताए हुए मंत्र का जाप करे तो उसे भगवान के दर्शन हो जाते हैं |
4. भ्रम से निकाले
सच्चा गुरु अपने भक्त को भ्रम से निकालता है | वह कोई भी ऐसी बात नहीं करता जिससे इंसान के मन में भ्रम की स्थिति उतपन्न हो |
5. जीवन के बारे में समझाए
सच्चा गुरु हमेशा अपने शिष्य को जीवन के बारे में बताता है कि ये जीवन नाश होने वाला है | हम जो कुछ देख रहे हैं वे सब कुछ खत्म हो जाएगा | केवल परमात्मा ही एक ऐसी शक्ति है जो कभी नाश नहीं होती |
सच्चे गुरु से नाम मंत्र कैसे लें ?
गुरु अपने शिष्य को भगवान से मिलाने के लिए नाम मंत्र देता है | ये नाम मंत्र उसे ही दिया जाता है जिसमें भगवान से मिलने की इच्छा हो | नाम लेने के लिए भक्त को कई परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है | मान लो अगर कोई सतसंगी नाम मंत्र लेना चाहता है तो उसको नाम लेने से पहले पर्ची दी जाती है | उसके बाद सेवादार (गुरु के अनुयायी) नाम लेने वाले लाभार्थी स कुछ सवाल करत हैं | वे उनसे पूछते हैं कि आपने कितने सतसंग सुने हैं, आप मासांहारी हैं या शाकाहारी, आप नाम क्यों लेना चाहते हैं |
अगर आप सेवादारों के प्रश्न का सही जवाब देते हैं तो आगे जाकर आपको गुरु से नाम मिल जाता है | आम भाषा में कहें तो नाम मंत्र उसे ही मिलता है जो सच्चे मार्ग पर चलना चाहता है, जिसका दिल साफ़ है और जिसके मन में भगवान से मिलने की तड़फ हो |
गुरु से नाम मंत्र लेकर भगवान से कैसे मिलें?
जिन भक्तों को नाम मंत्र मिलता है तो उन्हें पंडाल में बुलाया जाता है | उसके बाद गुरु के सेवादार इन भक्तों को मंत्र जाप करने की विधि बताते हैं कि कौन से समय में मंत्र का जाप करना चाहिए | मंत्र जाप करने के लिए आसन कैसा होना चाहिए | मंत्र का उच्चारण करते समय मन को एकाग्र कैसे किया जाना चाहिए | ये सभी बातें भक्त को नाम लेने के बाद बताई जाती हैं | अगर कोई भक्त नाम मंत्र याद नहीं रख पाता है तो सेवादार उस भक्त को ये नाम बार बार बुलाते हैं ताकि नाम मंत्र उसे याद रह सके |
भगवान से मिलने के लिए आपको नीचे दिए गए तरीके अपनाने हैं –
1. नाम मंत्र का उच्चारण करने के लिए समय निर्धारित करें
आपको नाम मंत्र का उच्चारण करने के लिए के उचित समय का चयन करना है | सुबह के 3 से 4 बजे का समय मंत्र उच्चारण करने का सबसे अच्छा माना जाता है |
2. स्थान का चयन करें
आपको मंत्र का उच्चारण करने के लिए परफेक्ट स्थान चुनना है जहां पर आराम से गुरु मंत्र का जाप कर सकें |
3. मन को एकाग्र करने का प्रयास करें
आपको नाम मंत्र का उच्चारण दोहराने के लिए अपने मन को एकाग्र करना होगा | अगर आपका मन शांत है तो आप परमात्मा के दर्शन कर सकते हैं |
4. आपको 24 घंटे में से 2 घंटे एक स्थान पर बैठकर मंत्र उच्चारण करना है
आप मंत्र उच्चारण करने के लिए पुरे दिन में भगवान के लिए 2 घंटे का समय निकालें | अगर आप एकाग्रता के साथ बैठने का प्रयास करते हैं तो आपको भगवान से मिलने का आभास होने लगेगा |
5. गुरु के स्वरूप का ध्यान करें
आपको एकांत जगह पर बैठ कर गुरु का ध्यान करना है जिनसे आपने नाम मंत्र लिया है | जब आपको गुरु का स्वरूप नजर आएगा तो धीरे धीरे परमात्मा के दर्शन भी हो जाएंगे |
Sache Guru के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न
सच्चे गुरु की पहचान के बारे में इस तरह के प्रश्न पूछे जा सकते हैं –
गुरु कैसा होना चाहिए ?
गुरु दयालु, शांतिप्रिय, क्षमावान, धैर्यशाली, प्रेम, उत्साही, साहसी और प्रभु का नाम जपने वाला होना चाहिए |
सच्चा गुरु प्रभु से कैसे मिलाता है ?
सच्चा गुरु नाम मंत्र देकर प्रभु से मिलाता है |
क्या नाम मंत्र जपने से प्रभु मिल जाते हैं ?
हाँ बिल्कुल |
ये थी सारी जानकारी Sache Guru Ki Pahchan Kaise Kare के बारे में |
आशा है आपको इस लेख के जरिए ये पता चल गया होगा कि सच्चे गुरु की पहचान कैसे की जाती है |